Published: 07 जुलाई 2017

गोल्ड हॉलमार्किंग कैसे की जाती है?

How is gold hallmarking done?

क्या आप गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो आप अकेले ही नहीं हैं। भारतीय घरों में 22,000 टन से अधिक सोना पड़ा है। इसके अतिरिक्त, हर साल औसतन 600 टन सोना ज्वैलरी निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सोने की शुद्धता परखना कोई आसान काम नहीं है। आप शुद्ध सोने और सोने सी दिखने वाली पीली धातु में अंतर कैसे करेंगे? आप इस सबसे ज्यादा मूल्यवान खरीदी गई वस्तु की शुद्धता को कैसे सुनिश्चित करेंगे?

 

हॉलमार्किंग क्या होती है?

हॉलमार्किंग कीमती धातु सामग्रियों में कीमती धातु की आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड है।

 

हॉलमार्किंग क्यों की जाती है? हॉलमार्किंग खरीदारों को यह पहचानने में कि क्या सोना असली है या नकली मदद करके उनके हितों की रक्षा करती है।

हॉलमार्किंग कौन करता है? भारत में, भारतीय मानक ब्यूरों को सोने की शुद्धता परखने के लिए अधिकृत किया गया है। यह उच्च निकाय आईएस 15820:2009 से कुछ निश्चित परखने और हॉलमार्किंग केन्द्रों को मान्यता देता है। ये केन्द्र, एक बार मान्यता पाने के बाद, बीआईएस-सर्टिफाइड ज्वैलरों को हॉलमार्क प्रदान करने के लिए स्वीकृत हो जाते हैं।

क्या कोई भी ज्वैलर गोल्ड उत्पादों पर हॉलमार्क प्राप्त कर सकता है? नहीं। केवल सर्टिफाइड ज्वैलर ही अधिकृत केन्द्रों से मार्किंग करवाने के पात्र होते हैं। इसीलिए, हॉलमार्क आपको प्रतिष्ठित ज्वैलरों और निर्माताओं को पता लगाने में मदद करती है।

हॉलमार्किंग की क्या प्रक्रिया है? अक्सर गोल्ड ज्वैलरी को हॉलमार्क इस महंगी धातु सामग्री का आंकलन या जांचने के बाद दिया जाता है।

 

आज, आधुनिक एक्सरे फ्लूरोस्कीन तकनीक, गोल्ड सामग्रियों को तैयार करने में इस्तेमाल की जाती है। यह कम्प्युटर द्वारा गैर-विनाशकारी, तीव्र और स्वाचालित प्रिंटिंग को सुनिश्चित करती है।
कच्चे सोने के लिए ‘आग से परखने’ जैसी विधि का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तब होता है जब सोने से अशुद्धता को अलग करने के लिए सामग्री को पिघलाया जाता है। यह हानिकारक लेकिन बिल्कुल प्रभावी विधि है।
यह परख किसी भी रजिस्टर्ड एस्सेइंग एण्ड हॉलमार्किंग सेंटर (एएण्डएचएमसी) पर की जाती है। ये सेंटर क्वालिटी परखते हैं और बीआईएस के क्वालिटी मानकों के अनुसार हॉलमार्क निर्धारित करते हैं। जब क्वालिटी परख ली जाती है, तो एएण्डएचएमसी हॉलमार्क देती है।

हॉलमार्क कैसे दिखता है? गोल्ड आइटम पर प्रत्येक हॉलमार्क में चार चिन्ह होते हैं:

 

क्या होता है यदि हॉलमार्किंग के बाद क्वालिटी घट जाए? बीआईएस ज्वैलर्स के परिसर में गोल्ड ज्वैलरी की आवधिक जांच करती है। यदि बीआईएस को कोई फर्क मिलता है, तो ज्वैलर का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है या कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

लेकिन शुद्धता केरेट से कैसे जुड़ी है? निम्नलिखित शुद्धतापन कोड के कैरेट द्वारा शुद्ध पायी जा सकती है। जितना ज्याद कैरेट होगा, सोना उतना ही शुद्ध होगा। गोल्ड का सबसे ज्यादा शुद्ध रूप 24 कैरेट है। कम कैरेट यह दर्शाता है कि दूसरी धातु भी शामिल हैं। हालांकि, हॉलमार्क ज्वैलरी केवल 22 कैरेट, 18 कैरेट तथा 14 कैरेट जैसे तीन ग्रेड में ही उपलब्ध है।

 

अपनी सोने की सामग्री का कैरेट निर्धारण करने के लिए, नीचे दिए कोड देखें। प्रत्येक कोड एक निश्चित कैरेट का प्रतिनिधित्व करता है।
22K916 22 कैरेट के अनुरूप
18K750 18 कैरेट के अनुरूप
14K585 14 कैरेट के अनुरूप

 

निष्कर्ष

एक खरीदार के तौर पर आपका बचाव आपके ही हाथों में है। जब कभी भी आप सोना खरीदें, आप बीआईएस द्वारा दिए गए सभी 4 माक्र्स की जांच मेग्नीफाइंग ग्लास से करके उचित हॉलमार्किंग को सुनिश्चित कर सकते हैं। इन टिप्स से आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि जो सोना आप खरीद रहे हैं वह असली है।

 

स्रोतः

http://www.bis.org.in/cert/hm_faq.asp

http://www.bis.org.in/cert/about_Hm.asp

https://en.wikipedia.org/wiki/Hallmark#Methods_of_assay

 

India’s gold market: evolution and innovation – World Gold Council Report.