Published: 07 जुलाई 2017

लावारिस सोने को अपना बनाने के लिए आपकी गाइड

अधिकांश भारतीयों के लिए सोना जमा करना एक लक्ष्य होता है। वास्तव में 73 प्रतिशत भारतीयों का विश्वास है कि अपने पास सोना होने से आदमी सुरक्षित महसूस करता है। यह रिपोर्ट वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की है, जो भारतीय बाजार का सर्वेक्षण करने के बाद तैयारी की गई है। अपना गोल्ड पोर्टफोलियो तैयार करते समय, आपको लावारिस सोने पर मालिकाना हक जताने की स्थिति पैदा हो सकती है। उदाहरण के लिए, हरदनहल्ली प्रांत, कर्नाटक के रहने वाले एक व्यक्ति को जब वह वर्ष 2014 में निर्माण कार्य हेतु खुदाई करवा रहा था, तो 93 सोने के सिक्के मिले।


इस तरह के कई उदाहरण हैं। पिछले साल, वर्ष 2016 में राजस्थान की एक पुरानी पत्थर की खान में खजाने की तलाश कर रहे लोगों को 4वीं और 5वीं शताब्दी के सोने के सिक्के मिले। इससे पहले 1946 में भी राजस्थान के बयाना शहर में 1821 सोने के सिक्के पाए गये हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश घटनाएं सोने की बड़ी मात्रा प्राप्त होने के कारण सुर्खियों में आईं। लेकिन इसके आलावा छोटी मात्रा में मिलने वाले लावारिस सोने की घटनाएं भी अक्सर होती रहती हैं। धन और सांस्कृतिक रूप से इस बहुमूल्य मुद्रा के लिए भारतीय कानून के अनुसार दो अधिनियम हैं जो लावारिस सोने पर मालिकाना दावा करने के अधिकार को परिभाषित करते हैं।


1978 के इण्डियन ट्रेजर ट्रोव एक्ट, लावारिस सोने को आपके धन संग्रह का हिस्सा बनाने में आपकी मदद करता है। 1972 का प्राचीन वस्तुएं एवं कला खजाना अधिनियम, आपको मिलने वाले ऐसे सोने के लिए आपके कर्तव्यों को परिभाषित करता है, जो 100 से अधिक वर्ष पुराना हो।


Unclaimed Gold- Steps to follow to report/own