Published: 27 सितंबर 2017

स्वर्ण की अंगूठी की कहानी

Gold Ring - Bond Of Love

यह आम मान्यता है कि वैवाहिक अंगूठियों का प्रथम उदाहरण प्राचीन मिस्र में मिलता है. पेपिरस पर उत्कीर्ण अभिलेखों सहित, लगभग 6000 वर्ष प्राचीन अवशेषों में दूल्हे-दुल्हन के बीच भांग या सरकंडे की गूंथी हुयी अंगूठियों के आदान-प्रदान की परम्परा के साक्ष्य मिलते हैं. मिस्र के निवासी इस अंगूठी को अमरत्व का प्रतीक मानते थे, और इस तरह की वैवाहिक अंगूठिया दम्पति के एक-दूसरे के प्रति चिरस्थायी प्रेम की द्योतक होतीं थीं. मिस्रवासियों की मान्यता थी कि अंगूठी धारण करने वाली इस अंगुली में एक विशेष नस होती है जो सीधे ह्रदय से जुड़ी होती है और जिसे लैटिन भाषा में “वेना एमोरिस” (वर्तमान प्रेम) कहा जाता है.

सदियाँ बीतने के साथ-साथ वैवाहिक छल्लों का क्रमिक विकास हुआ, और लोगों ने भांग के गुंथे हुए छल्लों की जगह अधिक मजबूत एवं सुन्दर पदार्थों का प्रयोग करना आरम्भ किया. समय के साथ, युवा पुरुष अपनी वैवाहिक अंगूठियों के रूप में, अपनी संभावित पत्नी के प्रति परम स्नेह के तौर पर स्वर्ण जैसी मूल्यवान धातुओं का प्रयोग करने लगे. यही वैवाहिक अंगूठियों – शाश्वत प्रेम की अनमोल निशानी - का इतिहास है.