Published: 07 जुलाई 2017

एस आई पी (SIPs) और गोल्ड ईटीएफ (ETF) बेहतरीन दीर्घावधि इन्वेस्टमेन्ट्स क्यों हैं?

पारंपरिक रुप से देखा जाए तो हम सब, गोल्ड कॉईन, गोल्ड बार, ज्वेलरी आदि के रुप में गोल्ड में इन्वेस्ट करते ही हैं वैसे देखें तो पारंपरिक रुप से गोल्ड ख़रीदने वाले ग्राहक को भी आज एक्स्चेन्ज ट्रेडेड फन्ड (ईटीएफ) संबंधी जानकारी चाहिये होती है क्योंकि एक इन्वेस्टमेन्ट ऑप्शन के रुप में यह गोल्ड को स्टोर करने की लागत बचाता है, इसमें इलेक्ट्रॉनिक रुप से ख़रीदी और बिक्री हो जाती है और लम्बे समय के इन्वेस्टमेन्ट के लिये यह पारदर्शी और सुरक्षित तरीक़ा होता है।

ईटीएफ के द्वारा गोल्ड ख़रीदना और कुछ नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड ख़रीदने को कहते हैं।  गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड में इन्वेस्ट करने का एक अप्रत्यक्ष तरीका है। ये म्युच्युअल फन्ड के प्रकार होते हैं, जिन्हे सही तरीक़े से स्टॉक एक्स्चेन्जों में लिस्टेड किया जाता है। गोल्ड ईटीएफ का मुख्य लक्ष्य निवेशकों को बेहतर रिटर्न्स देना होता है जो कि, ख़र्चों के लिए एकाउंटिंग से पहले, स्थानीय फिजिकल गोल्ड प्राईज के साथ नजदीकी रुप से मेल खाते हों।

गोल्ड ईटीएफ एस आई पी की विशेषताएं

• आप गोल्ड ईटीएफ की ख़रीदी व बिक्री स्टॉक के समान कर सकते हैं.
• आपको फिजिकल गोल्ड द्वारा आश्वस्त एक डीमटेरियलाइज्ड इकाई (यूनिट) मिलती है.
• गोल्ड ईटीएफ के प्राईस पारदर्शी और सही होते हैं.
• आप छोटी संख्या में भी गोल्ड ईटीएफ ख़रीद सकते हैं.
• एक्सचेन्ज पर ट्रेडिंग से आपका पोर्टफोलियो जल्दी ग्रो करता है.
• एस आई पी जो कि गोल्ड ईटीएफ में होती है, इनमें गोल्ड इन्वेस्टमेन्ट जैसा अनुशासन होता है.

ईटीएफ एक बेहतर दीर्घावधि ऑप्शन क्यों है?

छोटी इकाई: गोल्ड ईटीएफ का एक बड़ा फ़ायदा यह होता है कि वे आपको एक यूनिट ख़रीदने की भी सुविधा देते हैं। इसका अर्थ है कि आप अपने गोल्ड स्टोर को अपने हिसाब से बढ़ा सकते हैं। आप रोज़ाना अपने गोल्ड को बढ़ते हुए देख सकते हैं। इसके अलावा चूंकि आपके पास फिज़िकल गोल्ड नहीं  होता है, तो आपकी देख-रेख की लागत भी शून्य होती है और आपको इसको स्टोर करने को लेकर चिन्ता करने की ज़रुरत नहीं रहती।

लिक्विडिटी:  इस स्कीम में आपको जब चाहिये तब आप अपने गोल्ड के यूनिट्स को रिडीम कर सकते हैं यानी आपके लिए सोने पर सुहागा। इसके अलाव आप गोल्ड ईटीएफ को लोन के लिये भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें ख़रीदी-बिक्री ऑनलाईन होती है और फिज़िकल गोल्ड के मामले की तरह आपको रिटेलर्स के पास नहीं जाना होता।

पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन: एस आई पी जो कि गोल्ड ईटीएफ के लिये होती है, यह आपके गोल्ड इन्वेस्टमेन्ट में डायवर्सिफ़िकेशन करने के लिये एक बेहतरीन प्रक्रिया है साथ ही अपने आप को अनुशासन में रखने का भी तरीक़ा है जिससे आप सही तरह से इन्वेस्टमेन्ट कर सकते हैं। यह लम्बे समय तक के लिये आपको बेहतरीन ऑप्शन देता है और आपको 99.5% प्योरिटी का गोल्ड मिलता है। यह फिज़िकल गोल्ड के मुक़ाबले टैक्स से भी बचाता है।

कम जोखिम: गोल्ड ट्रेडिंग पूरी तरह से पारदर्शी होता है और यह प्योर गोल्ड होने के कारण पूरी तरह भरोसेमंद होता है, साथ ही, चूंकि गोल्ड स्टोर करना कोई विकल्प नहीं है, इसके स्टोरेज की कोई जोखिम भी नहीं होती। चूंकि आप ज्वेलर को कोई मेकिंग चार्ज नहीं दे रहे होते हैं, जो कि फिज़िकल गोल्ड में देना होता है, इसलिये आपके पास जो भी मूल्य है, वह मार्केट के अनुसार कम से कम वेस्टेज के साथ होता है।

यदि आप मासिक एस आई पी को सही गोल्ड ईटीएफ के रुप में शुरु करते हैं तो आपको किस तरह से फ़यदा होगा?

✔ भन्डार की लागत नहीं और सुरक्षा के मुद्दे नहीं.
✔ धातु में अशुद्धता की चिन्ता नहीं.
✔ आप एक सिंगल युनिट ईटीएफ का भी ट्रेडिंग कर सकते हैं, बिल्कुल स्टॉक के समान.
✔ आप अपने हिसाब से यह तय करते हैं कि आपको कितने यूनिट्स लेना है। आप उन्हे छोटी इकाईयों में भी ले सकते हैं।
✔ इन पर गोल्ड कॉईन्स और बार्स के समान कोई वैल्थ टैक्स नहीं लगता है.
✔ गोल्ड ईटीएफ सामान्य रुप से टैक्स की अधिक बचत करते हैं.