Published: 27 सितंबर 2017

स्वर्ण का कोई मुकाबला नहीं : विज्ञान 101

स्वर्ण के बारे में एक मजेदार वैज्ञानिक तथ्य है : विगत 20 वर्षों में अन्य विशेषज्ञों के अलावा वैज्ञानिकों और रसायनज्ञों ने खोज की है कि इस पीली धातु में एक उत्प्रेरक के रूप में अद्भुत गुण होता है. अनेक रासायनिक प्रक्रियाओं में स्वर्ण अन्य मूल्यवान धात्विक उत्प्रेरकों को एक अधिक प्रभाकारी उत्प्रेरक के रूप में स्थानापन्न कर रहा है – इनमें प्लैटिनम, प्लैडीऍम तथा चांदी के नाम उल्लेखनीय है. उत्प्रेरक वह पदार्थ है, जो स्वयं प्रभावित या परिवर्तित हुए बिना किसी रासायनिक प्रतिक्रया को तेज कर देता है.

निःसंदेह, स्वर्ण उत्प्रेरक शून्य से 700 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे तक के तापमान पर प्रभावकारी होते हैं; प्लैटिनम और चांदी की इष्टतम कार्यक्षमता 130 के 530 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होती है. इससे स्वर्ण उत्प्रेरकों का दो विशिष्ट क्षेत्रों में प्रयोग आसान होता है : फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी तथा प्रदूषण नियंत्रण. ये दोनों क्षेत्र मानव जाति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं.

फ्यूल सेल भविष्य का ऊर्जा का स्रोत है. फ्यूल सेल एनोड पर हाइड्रोजन के ऑक्सीकरण और कैथोड पर ऑक्सीजन की कमी करके, प्रत्यक्ष रूप से विद्युत् उत्पन्न करता है. इस कारण से फ्यूल सेल द्वारा कोई ग्रीनहाउस गैस उत्पन्न नहीं होती है. भविष्य में वे स्वच्छ ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत हो सकते हैं. हालांकि, अभी वे धीमी गति में विद्युत् उत्पादित करते हैं. स्वर्ण उत्प्रेरक से यह होगा कि, विद्युत उत्पादन की गति तेज हो जायेगी. स्वर्ण के अति सूक्ष्म कण (नैनोपार्टिकल्स) उत्प्रेरक एक आदर्श समाधान के रूप में माना गया है. पूर्वर्ती ढलाई विधियों से अति सूक्ष्म कण के आकार में उत्प्रेरक उत्पन्न हुए हैं, जो व्यावहारिक प्रयोग के लिए या तो काफी बड़े या फिर काफी व्यापक रूप में वितरित थे. कण के आकार को नियंत्रित करने के प्रयास स्वर्ण की उत्प्रेरक क्रिया सीमित हो जाती है, या चंचल उत्प्रेरकों का उत्पादन होता है. तथापि, हाल में फुकुओका, जापान में क्यूशू यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर कार्बन-न्यूट्रल एनेर्जी रिसर्च में शोधकर्ताओं के एक दल ने एक स्थिर स्वर्ण उत्प्रेरक विकसित करने की विधि खोज निकाली है, जो भावी विकास के लिए एक सुखद समाचार है.

स्वर्ण के अति सूक्ष्म कणों में डीजल इंजन से उत्सर्जित गैसों से नाइट्रोजन ऑक्साइड्स को निकाल देने की शक्ति होती है, जबकि अन्य संभावित अनुप्रयोगों में गंध की कमी सहित अन्य फायदे सम्मिलित हैं. कहने का तात्पर्य यह है कि : स्वर्ण महज सजावट या संकट के समय काम आने वाली मूल्यवान धातु से कही ज्यादा मूल्यवान है.