Published: 27 सितंबर 2017

आभूषणों के लिए हम 100% शुद्ध स्वर्ण का प्रयोग क्यों नहीं कर सकते?

Why Is 24 Carat Gold Not Used For Making Jewellery

100% स्वर्ण या 24 कैरट स्वर्ण धातु के ख्याल से आश्चर्यजनक रूप से कोमल होता है. यह कोमलता स्वर्ण में तन्यता (तार बनने की क्षमता) और लचीलापन (पिट कर पत्तर बनने की क्षमता) के गुण पैदा करती है. असल में, मानव जाति के ज्ञान में स्वर्ण सबसे लचीला धातु है, और इसे पीट कर इतनी पतली पत्तर बनायी जा सकती है कि उनके एक इंच मोटे अम्बार में 2,00,000 से अधिक अलग-अलग पत्तर होंगे.

स्वर्ण की कोमलता के कारण इसे आसानी से पीट कर पत्तर और तार बनाए जा सकते हैं. साथ ही, इसके नकारात्मक पहलू भी हैं. स्वर्ण का सबसे सामान्य उपयोग आभूषणों में होता है, जिनमे स्वर्ण से बने आभूषणों के महीन बनावट पर बहुमूल्य रत्न टाँके जाते हैं. यह लगभग असंभव है कि कोई जौहरी किसी आभूषण में 100% स्वर्ण का प्रयोग करेगा, जिस पर टाँके गए हीरे या कोई अन्य बहुमूल्य रत्न की मजबूत पकड़ ज़रूरी होती है. ऐसा स्वर्ण की असाधारण कोमलता के कारण होता है, जिसकी चर्चा हम ऊपर कर चुके हैं. 24 कैरट स्वर्ण इतना कोमल होता है कि यह आसानी से टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है और रत्नों पर इसकी पकड़ ढीली हो सकती है, जिसके कारण रत्न आपके आभूषण से निकल कर गिर सकता है. अतएव, आभूषणों को ज्यादा मज़बूत बनाने के लिए, जौहरी 22 कैरट स्वर्ण का प्रयोग करते हैं, जो एक मिश्र धातु होता है.

स्वर्ण की शुद्धता के अलग-अलग स्तर होते हैं – सबसे कम शुद्धता वाला 10 कैरट स्वर्ण से लेकर 100% शुद्ध 24 कैरट स्वर्ण तक. 24 कैरट से कम स्वर्ण हमेशा एक मिश्र धातु होता है, जिसमे ताम्बा, चांदी या प्लैटिनम जैसे धातु मिले होते हैं.

एक मिश्र धातु में, उसमे मिश्रित सभी धातुओं के गुण दिखाई देते हैं. उदाहरण के लिए, 22 भाग स्वर्ण में 2 भाग चांदी मिलाने से जो मिश्र धातु बनेगा, वह 22 कैरट या 91.67% शुद्ध स्वर्ण होगा, और चांदी की अधिक कठोरता का गुण ग्रहण करने के कारण यह 100% शुद्ध स्वर्ण की अपेक्षा कुछ ज्यादा कठोर होगा. मिश्र धातु में स्वर्ण की मात्रा जितनी ही कम होती है, उसमे मौजूद अन्य धातु (धातुओं) के गुण के अनुसार मिश्र धातु की मजबूती/कठोरता उतनी ही अधिक होती है.

आभूषणों के लिए स्वर्ण का मिश्र धातु, काम के योग्य अधिक कठोर और अधिक टिकाऊ धातु के लिए तैयार किया जाता है, जो दैनिक प्रयोग के प्रभाव को बेहतर ढंग से झेल सकता है. इस तरह आप निश्चिन्त रह सकते हैं की आपके आभूषण की सुन्दरता अगले अनेक वर्षों तक जस की तस बनी रहेगी.