Published: 02 अगस्त 2017

टैक्स में बची रकम से सोना खरीदने के 5 कारण

केंद्रीय बजट 2017-18 में पूरे भारत में लोगों द्वारा घर ले जाने वाले वेतन में रु. 12,500 की तुरंत बढ़ोतरी हुई जहाँ उन लोगों के लिए टैक्स की दर को 10% से घटाकर 5% कर दिया गया जिनकी सालाना आमदनी रु. 2.5- रु. 5 लाख के बीच है। हमने ऐसे 5 कारण निकाले है जो यह बताते हैं की आपको यह रकम सोने में निवेश क्यों करने चाहिए।

 

कारण 1: लाभदायिकता

बदलते समय के बावजूद, सोने का ऐतिहासिक विकास और संभावित वापसी स्वयं पर्याप्त है।

 

15 वर्षों में सोने की कीमतों में वृद्धि

  • 2002: रु. 500 प्रति ग्राम (लगभग)
  • 2017: रु. 3000 प्रति ग्राम (लगभग)

निवेश पर प्रतिफल

  • 6 गुणा!

आज के सोने के निवेश पर संभावित वापसी*

  • 2017: रु. 12,500
  • 2032: रु. 75,000

*इसे ध्यान में रखते हुए कि यह वर्तमान CAGR पर बढ़ता है जो पिछली 15 वर्षीय-अवधि में सही रहा है।

 

कारण 2: अस्थिरता

सोने के साथ आप निवेश का ऐसा रास्ता चुन सकते हैं जो आपकी जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के मुताबिक हो। यहाँ अलग-अलग तरीके, जिनसे आप निवेश कर सकते हैं, और उनमें से प्रत्येक के लाभ दिए गए हैं।

 
  • सोने के आभूषण – खरीददारी करने और नकदी की आसानी
  • सोने के सिक्के और बिस्कुट – निवेश की राशि और खरीददारी के अंतरालों के संबंध में लचीलापन
  • गोल्ड ETFs – आसान संग्रहण, अधिक नकदी, और गुणवत्ता आश्वासन
  • गोल्ड MFs – परेशानी-मुक्त प्रक्रिया, और सक्रिय पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन
  • गोल्ड बॉन्ड्स – निवेश पर वापसी की गारंटी और LTCG टैक्स में छूट
  • सोना संचय योजना – व्यवस्थित निवेश का अवसर और रीडेम्पशन के चरण में भौतिक स्वरूपों का लचीलापन
 

कारण 3: लचीलापन

केवल कुछ हज़ार रुपए से ही आप सोने में निवेश करना शुरु कर सकते हैं। यहाँ सोने के सभी स्वरूपों के लिए आवश्यक न्यूनतम निवेश‍दिया गया है:

 
  • गोल्ड ETFs – 0.5 ग्राम
  • सोने के सिक्के – 1 ग्राम
  • सोने के आभूषण – > 1 ग्राम
  • गोल्ड MFs – 0.16 ग्राम* या रु.500
  • गोल्ड बॉन्ड्स – 1 ग्राम
  • *इसे ध्यान में रखते हुए कि 1 ग्राम सोने की कीमत रु.3000 है
 

कारण 4: नकदी

लाभ के अवसर या संकट की स्थिति में सोने को आसानी से नकदी में बदला जा सकता है। जबकि भौतिक सोना दुनियाभर में सोने के आभूषणों की दुकानों पर बेचा जा सकता है, गोल्ड ETFs भी कुछ ही घंटों के भीतर राष्ट्रीय कमोडिटीज़ एवं डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लि. (MCX) में बेचे जा सकते हैं।

 

कारण 5: सौंदर्य

यदि आप सोच रहे हैं, “केवल आभूषण ही क्यों न खरीदे जाएं?”, तो आप अकेले नहीं हैं; वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के निष्कर्षों के अनुसार, 2016 में भारत में सोने की कुल माँग में 75% से ज़्यादा हिस्सा आभूषणों का था। सोने के आभूषणों का मूल्य न केवल पत्थर या अन्य बहुमूल्य धातुओं के जड़ाऊ आभूषणों से ज़्यादा होता है, बल्कि वह परिपूर्ण विरासत के रूप में भी काम करता है।

मुद्रास्फीति के विरुद्ध बराबरी और दीर्घकालिक धन सृजन परिसंपत्ति होते हुए, सोना शुभ अवसरों पर जश्न मनाने के लिए बेजोड़ खरीददारी के रूप में दोहरा लाभ प्रदान करता है। 2016 के TNS सर्वेक्षण के अनुसार, विवाह (24%), जन्मदिन (15%), और धार्मिक उत्सव (12%), अभी भी भारतीयों के लिए सोने में निवेश करने के तीन प्रमुख अवसर हैं।

हम आशा करते हैं कि आप सरकार द्वारा स्वीकृत अपने भाग्यशाली अवसर का भरपूर लाभ उठाएंगे!