Published: 04 सितंबर 2017

भू-राजनीतिक तनाव स्वर्ण के मूल्य को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?

जून 2017 में कोरियाई प्रायद्वीप में, चुनिन्दा मध्यपूर्व देशों द्वारा राजनयिक सम्बन्ध समाप्त कर देने के बावजूद, नया तनाव पैदा हो गया था. सीमा पर झड़प और आंतरिक विवाद कोई असामान्य बात नहीं होती है. ऐसे ही समय पर अनेक निवेशक दूसरी संपदा श्रेणियों में मूल्य ह्रास के असर से बचने के लिए स्वर्ण का सहारा लेते हैं.

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भी स्वर्ण का मूल्य ऊंचा कैसे रहता है?

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्वर्ण को “सुरक्षित” संपदा माना जाता है और जब निवेशक इक्विटी जैसी जोखिम वाली संपदाओं को छोड़कर अपना पैसा स्वर्ण में लगा देते हैं तब स्वर्ण का मूल्य बढ़ जाता है. स्वर्ण में निवेश को सुरक्षित संपदा कहते हैं, अव्यवस्था के दौर में जिसका मूल्य बने रहने और बढ़ने की भी अपेक्षा की जाती है. इसका एक उत्तम उदाहरण संयुक्त राज्य अमेरिका का अप्श्रेष्ठ गिरवी संकट था जिसके बाद स्वर्ण के मूल्य में असाधारण तेजी आयी थी. असल में, भारत में 2008 की विश्वव्यापी आर्थिक संकट के बाद से स्वर्ण के मूल्य में चौगुनी वृद्धि हुयी है.

अन्य संपदाओं के साथ सह-सम्बन्ध की समझ

इसे समझने की जरूरत है कि भू-राजनीतिक तनाव के माहौल में विभिन्न संपदाओं की गति कैसे रहती है. यह सर्वविदित है कि जब दो संपदाओं में सकारात्मक सह-संबंध (1 के मूल्य के ज्यादा करीब) होता है तब उनके मूल्य की दिशा और गति में समानता रहती है. अगर बाज़ार में अस्थिरता का माहौल नहीं हो तो इक्विटी और रियल इस्टेट अल्पकालिक अवधि में सामान गति प्रदर्शित करतीं हैं. जब संपदाओं में नकारात्मक सह-सम्बन्ध (ऋणात्मक 1) होगा तब उनकी गति विपरीत दिशा में होगी. शून्य के करीब सह-सम्बन्ध होने पर दोनों संपदा की गति अलग-अलग होती है.

विभिन्न अध्ययनों से प्रमाणित हुआ है कि जोखिमपूर्ण सम्पदा श्रेणियों के साथ स्वर्ण का सकारात्मक सह-सम्बन्ध नहीं होता है. यही कारण है कि पूरे विश्व में अनेक लोग अपने पोर्टफोलियो में स्वर्ण का निवेश करते हैं, क्योंकि इससे गिरते इक्विटी या बांड के घटते प्रतिफल से रक्षा होती है. कभी-कभी ये दोनों साथ-साथ भी चलते हैं, लेकिन ऐसा तब होता है जब सब कुछ ठीक-ठाक हो और वैश्विक स्तर पर कोई बड़ा उथल-पुथल नहीं हो रहा हो.

भू-राजनीतिक तनाव से इतर, निवेशकों को अक्सर स्वर्ण खरीदने की सलाह दी जाती है. इसका एक कारण यह भी है कि स्वर्ण ने अपना मूल्य कायम रखा है और मध्यम से लेकर लम्बे समय में मुद्रास्फीति के प्रभाव से अछूता रहा है.