Published: 10 अगस्त 2017

स्वर्ण रखने संबंधी कानूनी जानकारी

दिसम्बर 2016 में, भारत सरकार द्वारा जप्ती और जांच के दौरान, जाहिर न किये गए धन पर आय कर अधिकारियों द्वारा दन्डात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसका अर्थ है कि आप अपने पास अपनी विरासत से संभाले गए आभूषणों को तो रख सकते हैं , परंतु आप आपको दी गई प्रावधान की सीमा से अधिक स्वर्ण अपने पास नही रख सकते हैं।


दन्ड कितना है?

इसका दन्ड लागू सीमा से ऊपर मौजूद स्वर्ण के 60% मूल्य के अनुसार लगाया जाता है व इसपर 25% सरचार्ज भी लगाया जाता है। इसलिये, एक विवाहित स्त्री होने के नाते, यदि आपके पास 750 ग्राम स्वर्ण है, तब आपको इसे रखने का अधिकार नही है, आपको 250 ग्राम स्वर्ण पर दन्ड लगेगा जो कि उसके मूल्य का (60+25)% होगा।


क्या सभी प्रकार के स्वर्ण को घोषित किया जाना आवश्यक है?

तीन प्रकार की स्थिति में आपको अपने स्वर्ण को लेकर दन्ड देना या उसे घोषित करना आवश्यक नही है।

सबसे पहले, यदि आपके पास तय सीमा के अन्दर स्वर्ण है। स्वर्ण के आभूषण और गहने जो कि एक अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम हो सकते हैं, विवाहित महिला के पास 500 ग्राम और प्रति पुरुष सदस्य के लिये 100 ग्राम तक हो सकते हैं और इसे वैधानिक माना जाता है व इसपर किसी भी स्थिति में दन्ड नही लग सकता है। इस सीमा के ऊपर दन्डात्मक कार्रवाई की जाती है।

दूसरी बात, स्वर्ण और आभूषण जिन्हे कर में छूट योग्य आय से खरीदा गया हो जैसे कृषि से प्राप्त आय, घोषित आय या वैधानिक घरेलू बचत आदि पर वर्तमान प्रावधान के चलते या अन्य संशोधनों के बाद भी दन्ड नही लगाया जाता है।

इसलिये, इस प्रकार के स्वर्ण को घोषणा या दन्डात्मक कार्रवाई के अन्तर्गत नही लिया जाता है। तीसरी बात, वैधानिक रुप से विरासत में प्राप्त स्वर्ण और आभूषण जिनके स्रोत आप बता सकते हैं, उन्हे वर्तमान वैधानिक नियम और भविष्य के आय कर संशोधनों के अन्तर्गत दन्डात्मक कार्रवाई में नही लिया जा सकता है। .

अब, ये बताए जाने वाले स्रोत क्या हैं? और आप कैसे यह सिद्ध करेंगे कि यह स्वर्ण वैधानिक रुप से आपका है अथवा आपको विरासत में मिला है और इन बताए जाने वाले स्रोतों को लेकर घोषणा कैसे की जाती है?
 
  1. आपके विरासत में प्राप्त स्वर्ण पर संपत्ति कर दिये जाने की रसीदें आवश्यक होती है जिससे यह सिद्ध किया जा सके कि यह स्वर्ण आपके स्वामित्व का है।
  2. यदि आपके पास कोई वसीयतनामा है जिसमें आपके स्वर्ण के स्वामित्व को लेकर जानकारी लिखी हुई है, इसकी एक प्रति आपकी विरासत में प्राप्त संपत्ति को सिद्ध करने के लिये आवश्यक है।
  3. यदि स्वर्ण आभुषण आपको उपहार में दिये गए हैं, तब आपको इस संबंध में कोई साक्ष्य दिखाना होगा। हो सकता है कि आपको इसके किसी एक भाग के लिये कर भरना पड़े।
  4. यदि आपके पास विरासत में मौजूद स्वर्ण आभूषण है, और इसके लिये कोई कर नही दिया गया है, तब इसके मूल्यांकन की रिपोर्ट्स देनी होंगी, यदि आभुषणों को फिर से बनाया गया है या इनका डिजाईन फिर बदला गया है, तब इससे संबंधित उपयुक्त रसीदे दिखाना आवश्यक है।
  5. आप विवाह संबंधी चित्र या अन्य सत्यापित चित्र दिखा सकते हैं जिससे यह सिद्ध हो सके कि यह आभूषण विरासत में आपको मिले हैं और आपने नवीन नही खरीदे हैं।
  6. यदि आपके पास घरेलू बीमा है, जिसमें स्वर्ण व अन्य कीमती सामान शामिल है, तब यह पॉलिसी भी आप अपने सत्यापन के लिये दिखा सकते हैं।
  7. आपके द्वारा वित्तीय संकट के समय यदि स्वर्ण को गिरवी रखा गया हो, तब उसकी रसीदें भी इस प्रयोजन हेतु इस्तेमाल की जा सकती हैं।

भारतीय नागरिकों के पास लगभग 23000 टन से भी अधिक स्वर्ण है, सबसे महत्वपूर्ण यह संपत्ति जब वैध साक्ष्य के साथ होनी चाहिये जिसमें इसका विरासत में होना या खरीदा जाना सिद्ध हो सके। बहरहाल, यह जानना महत्वपूर्ण है कि कोई भी तरीका यह जानने के लिये मौजूद नही है कि आपके पास जो आभूषण विरासत के दौर से मौजूद है, यह जाना जा सके कि उन्हे भी वैधानिक तरीके से प्राप्त किया गया था।

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