Published: 28 अक्टूबर 2021

सोने के गहने खरीदने के लिए पॉकेट गाइड

आप अपनी शादी के दिन जो सोना पहनते हैं, वह एक दुल्हन के रूप में आपके विशेष दिन की हमेशा याद दिलाता रहेगा। कोई भी भारतीय विवाह समारोह सोने के बिना पूरा नहीं होता है, विशेष रूप से हाथ से बने सोने के आभूषण जो आपको केवल हमारे देश में ही मिल सकते हैं। इसी वजह से भारतीय शादियों से दुनिया का बाकी हिस्सा ईर्ष्या करता है! 

हर भारतीय दुल्हन को यह पॉकेट गाइड क्यों पढ़नी चाहिए

सोने के प्रेमियों के देश के रूप में, हमारा मानना है कि हमने सोने के आभूषण खरीदने की कला में महारत हासिल कर ली है। लेकिन, आपके जीवन में संभवत: सबसे बड़ी सोने की खरीदारी करने से पहले आपको कई चीजों के बारे में पता होना चाहिए। 

होने वाली दुल्हन के रूप में, उन सोने के आभूषणों को लेकर आपकी कुछ चिंताएँ होंगी, जिन्हें आप खरीदने की योजना बना रहे हैं। यह सुविधाजनक गाइड निम्नलिखित से संबंधित आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देगी:

  • शुद्धता और उत्कृष्टता
  • लाभदायक निवेश के रूप में लाभ
  • अपसाइक्लिंग की संभावना
  • पुन: उपयोग या पुन: डिज़ाइन किए जाने की संभावना
  • पैसे की कीमत

आपको हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण क्यों खरीदने चाहिए?

भारत में 15 वींजनवरी 2020 को गोल्ड हॉलमार्किंग को कानूनन अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने घोषणा की है कि 1 लीजून 2021 से बेचे जाने वाले 14, 18 और 22 कैरेट (2 ग्राम से अधिक) के सभी सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क होना चाहिए। 

BIS शुद्धता और गुणवत्ता के मानकों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार निकाय है, जिसका जौहरियों और AHC (परख और हॉलमार्किंग केंद्र) को पालन करना होगा। इन्हीं मानकों के आधार पर सोने की शुद्धता (कैरेट) मापी जाती है। 

गोल्ड हॉलमार्किंग क्या है?

गोल्ड हॉलमार्किंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें BIS मानकों के अनुसार किसी आभूषण में सोने की शुद्धता और मात्रा का आकलन और सत्यापन करना और 'गोल्ड हॉलमार्क' बनाने वाले चार प्रतीकों के साथ इसकी ब्रांडिंग करना शामिल है। सोने की शुद्धता और उत्कृष्टता का पता लगाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। यह आभूषणों में मौजूद सोने पर लागू होता है। लेकिन आापकी खरीदारी को सुरक्षित रखने के लिए हॉलमार्किंग के लिए, एक खरीदार के रूप में, आपको पता होना चाहिए कि असली गोल्ड हॉलमार्क की पहचान कैसे की जाती है। 

गोल्ड हॉलमार्क कैसा दिखता है?

किसी भी हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित चार संकेत होते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • BIS लोगो – BIS हॉलमार्क किसी भी सोने के आभूषण की शुद्धता को प्रमाणित करता है। यदि सोने की वस्तु को त्रिकोणीय BIS लोगो से हॉलमार्क किया गया है, तो इसका मतलब है कि यह वस्तु भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप है। भारत में, BIS एक राष्ट्रीय मानक संगठन है।
  • कैरेट में सोने की शुद्धता और उत्कृष्टता – Iभारत में  सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों पर ही हॉलमार्किंग की जाती है। शुद्धता के चिह्न के दो भाग होते हैं: पहले 3 अंक कैरेट को दर्शाते हैं और अंतिम 3 अंक उत्कृष्टता को दर्शाते हैं। गोल्ड हॉलमार्क में 18K750 का मतलब 18 कैरेट सोना और 750 उत्कृष्टता होता है। इसका मतलब है कि धातु के 1000 भागों में से 750 भाग सोना है। इसी तरह, 22K916 का मतलब 22 कैरेट सोना और 916 उत्कृष्टता और 14K585 का मतलब 14 कैरेट सोना और 585 उत्कृष्टता है। सोना जितना उत्कृष्ट होता है, उतना ही शुद्ध होता है।
  • जौहरी का पहचान चिह्न– जिस ज्वैलरी स्टोर से आप अपने सोने के आभूषण खरीद रहे हैं, वह भी अपना पहचान चिह्न लगाएगा। आप BIS-लाइसेंस प्राप्त जौहरियों की सूची यहाँ पा सकते हैं: https://bit.ly/2vxLYQa
  • AHC का पहचान चिह्न – हॉलमार्किंग की प्रक्रियाके लिए बहुत कुशल तकनीशियनों और उन्नत मशीनरी की आवश्यकता होती है। AHC का लोगो जहाँ आपके सोने का परीक्षण और प्रमाणन किया गया था, BIS हॉलमार्क चिह्नों का एक हिस्सा होना चाहिए।

हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण खरीदने से पहले पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्

एक उपभोक्ता के रूप में मेरे सोने का परीक्षण और हॉलमार्क कराते समय मेरे क्या अधिकार हैं

जब उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा करने की बात हे, तो BIS सक्रिय है। आप BIS से मान्यता प्राप्त किसी भी AHC से अपने आभूषणों की शुद्धता की जाँच करवा सकते हैं। खरीद की इन्वॉयस में आभूषण की शुद्धता और उत्कृष्टता का उल्लेख किया जाना चाहिए, जिसे बाद में BIS द्वारा उनके परीक्षण के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। परीक्षण के बाद, AHC द्वारा एक परख रिपोर्ट जारी की जाती है जो सोने की वस्तु पर बने पहचान चिह्नों को मान्य करती है। अगर अपने हॉलमार्क वाले गहनों का परीक्षण कराने पर, आप पाते हैं कि यह उस पर अंकित शुद्धता की तुलना में कम का है, तो जिस जौहरी से आपने इसे खरीदा है, उसे आपके आभूषणों को बदलना होगा। उसे हॉलमार्क करने वाले AHC को आपको परीक्षण शुल्क भी वापस करना होगा और BIS द्वारा उसका लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है।

मुझे सोने की प्रति ग्राम कीमत क्या देनी चाहिए?

आपको अपनी खरीदारी से पहले हमेशा सोने की प्रति ग्राम कीमत की जाँच करनी चाहिए। सोने की कीमत दिन में कई बार बदल सकती है और हर शहर में अलग-अलग हो सकती है - और कभी-कभी एक जौहरी से दूसरे जौहरी तक भी। आप MyGoldGuide के मूल्य पृष्ठ पर अपने स्थान के लिए सोने के प्रति ग्राम मूल्य की पुष्टि कर सकते हैं, जिसे रीयल टाइम में अपडेट किया जाता है। दूसरा तरीका एक से अधिक प्रसिद्ध ज्वैलरी शोरूम से पता करना है। सोने की मौजूदा कीमत कई समाचार साइटों पर भी देखी जा सकती है। सोने की कीमत कैसे तय होती है, यह जानने के लिए यह वीडियो देखें

मैं जो सोना खरीद रहा हूँ, उसका मूल्य विश्लेषित विवरण क्या है?

आपके द्वारा खरीदे जाने वाले सोने की कीमत में आपके सोने की प्रति ग्राम कीमत और आयातित सोने पर 10% सीमा-शुल्क शामिल होता है। आपके द्वारा खरीदे जाने वाले सोने के आभूषणों की कीमत में दो और शुल्क जोड़े जाते हैं और आमतौर पर खरीद की इन्वॉयस में इसका उल्लेख किया जाता है। ये लागू जीएसटी (3%) और निर्माण की लागत के लिए मेकिंग चार्ज हैं।

संक्षेप में, इन्वॉयस में होता है −

  • सोने की कीमत (10% आयात शुल्क सहित)
  • मेकिंग चार्ज (किसी भी तरह के अपव्यय सहित)
  • जीएसटी (3%) (सिक्के और आभूषण दोनों के लिए 3%)

भारतीय आभूषण दुनिया भर में प्रसिद्ध है क्योंकि इसकी जटिलता और विशेषज्ञ शिल्प कौशल का स्तर कहीं और नहीं मिल सकता है। क्या आप जानते हैं, क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में बने ज्यादातर सोने के आभूषण हाथ से बने होते हैं।

भारतीय आभूषणों की विभिन्न शैलियाँ हैं, प्रत्येक अद्वितीय और विशिष्ट, जैसे कुंदन, मीनाकारी, थेवा, जड़ाऊ, फिलिग्री, टेम्पल आदि। भारतीय शिल्पकार इन आभूषण शैलियों को वही बनाते हैं जो वे हैं। मशीनों के इस युग में भी, दुनिया में आभूषणों की सबसे खूबसूरत शैलियों को देश के विभिन्न हिस्सों में शिल्पकारों और कारीगरों द्वारा हाथ से बनाया जाता है, जो पीढ़ियों से चली आ रही तकनीकों का उपयोग करते हैं। 

Jewellery Credits: DC Karel sons,(Jaipur)

Jewellery Credits: S.D Gems and Jewellery (Jaipur)

Jewellery Credits: Geet Jewels(Jaipur)

Jewellery Credits: Geet Jewels(Jaipur)

Jewellery Credits: Geet Jewels(Jaipur)

Jewellery Credits: Geet Jewels (Jaipur)

मेकिंग चार्ज क्या होते हैं?

सोने के आभूषणों को तैयार करने में जितना प्रयास और विशेषज्ञता लगती है, उसे देखते हुए मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। यह सोने के आभूषणों के निर्माण और डिजाइन की लागत होती है। बाजार में बड़े पैमाने पर मशीन से बने आभूषणों के लिए मेकिंग चार्ज 6% से 14% के बीच है। हालाँकि, जटिलता से डिज़ाइन किए गए आभूषण जो आप अपनी शादी के दिन पहनना चाहेंगे, उन पर 25% या उससे भी अधिक का मेकिंग चार्ज लग सकता है। 

अपव्यय शुल्क क्या हैं?

प्रति ग्राम कीमत के अलावा, आपको अपव्यय के लिए भी भुगतान करना पड़ सकता है जो आमतौर पर मेकिंग चार्ज में शामिल होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सोने के आभूषण बनाने की प्रक्रिया में मूल धातु को पिघलाना, काटना, फाइल करना, उत्कीर्णन और आकार देना शामिल होता है। इस पूरी प्रक्रिया में, काफी मात्रा में सोना नष्ट हो जाता है, जिसे इकट्ठा करना और दोबारा इस्तेमाल करना मुश्किल होता है। सोने के इस नुकसान की लागत को अपव्यय शुल्क कहा जाता है। अपव्यय शुल्क 5% से 7% के बीच हो सकता है।

खरीद बिल में क्या शामिल होना चाहिए?

आपने इतने सालों में सोना खरीदते समय कभी बिल नहीं माँगा होगा। लेकिन, अच्छा होगा कि आप इसे एक आदत बना लें। इसके बारे में इस तरह से सोचें: क्या कोई और चीज है जिसे आप बिना बिल माँगे खरीदने पर विचार करेंगे? फिर इतनी मूल्यवान खरीदारी के लिए अपवाद क्यों बनाएँ?

इस बात पर जोर देने पर कि आभूषण की दुकान आपको एक बिल प्रदान करे, अगर आपकी खरीद लागत ₹50,000 से अधिक है, तो आपको जौहरी से अपना PAN विवरण साझा करना पड़ सकता है। हालाँकि, इन्वॉयस में आमतौर पर सोने की खरीद का हर विवरण होता है, जिसमें सोने की प्रति ग्राम कीमत, मेकिंग चार्ज, अपव्यय शुल्क, खरीद की तारीख, सोने की मात्रा, सोने की शुद्धता और कर शामिल हैं। बिल महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपके सोने के आभूषणों के निम्नलिखित पहलुओं के रिकॉर्ड के रूप में कार्य करता है:

  • वैधता
  • कीमत
  • शुद्धता
  • खरीद का सबूत

अगर आप कभी अपने सोने के आभूषणों को एक्सचेंज करना या बेचना चाहें, तो बिल इसे आसान बनाता है। इसके अलावा, अब से कई वर्ष बाद, यदि आप आभूषण को अधिक कन्टेम्परेरी पीस में अपग्रेड करना चाहते हैं, तो बिल आपको अपने स्वयं के सोने का सही मूल्य पाने में मदद कर सकता है, चाहे खरीदार कोई भी हो।

अपने सपनों के शादी के गहने कैसे ख़रीदे

जौहरियों की ओर से बचत योजनाएँ

आपकी शादी का दिन आपके जीवन का एक ऐसा समय होता है जब आप अपने मनचाहे आभूषणों को आत्मविश्वास से दिखा सकते हैं, इसे ज़्यादा करने की किसी झिझक के बिना! लेकिन यह देखते हुए कि सोने के आभूषण कितने महँगे हो सकते हैं, आपके लिए आवश्यक धन की व्यवस्था करना कठिन हो सकता है, खासकर यदि आप बाजार में कुछ ऐसे अनूठे आभूषणों की तलाश में हैं जो दुर्लभ हैं।

इसी जगह पर सोने की बचत योजनाएँ आपकी मदद कर सकती हैं। अपनी बचत से पैसे निकालने, उधार लेने या ऋण लेने के बजाए, सोने की बचत योजना के लिए आवेदन करना अपनी खरीदारी की अग्रिम योजना बनाकर आभूषण खरीदने का एक शानदार तरीका है।

ये योजनाएँ सुनिश्चित करती हैं कि आपको सोने के आभूषण खरीदने के लिए एक बार में बहुत अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। SIP की तरह, सोने की बचत योजनाएँ आपको बड़ी खरीदारी के लिए बचत करने के लिए नियमित रूप से छोटी राशि का निवेश करने की सुविधा देती हैं। कई जौहरी गोल्ड सेविंग स्कीम्स पर ऑफर देते हैं। उदाहरण के लिए, 12-महीने की योजना के लिए, आप केवल 11 महीनों के लिए भुगतान करते हैं, या आपको कुछ अतिरिक्त लाभ मिलते हैं। सरल शब्दों में, वे बैंकों द्वारा दी जाने वाली आवर्ती जमा योजनाओं से मिलते जुलते होते हैं। 

अपनी स्वर्ण बचत योजना की परिपक्वता पर, आप जौहरी से अपने निवेश को आभूषण या सिक्कों के रूप में भुना सकते हैं। इस योजना के लिए सदस्यता लेने से पहले, यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि इस योजना के तहत कौन से आभूषण उपलब्ध हैं, क्योंकि अलग-अलग जौहरियों की अलग-अलग शर्तें हो सकती हैं। 

अगर आपकी शादी में कुछ समय है, तो स्वर्ण बचत योजना में निवेश करना एक व्यावहारिक विकल्प है। ज्यादातर जौहरी मेकिंग और वेस्टेज चार्ज पर छूट देते हैं। दूसरे आपको 'फिक्स्ड वेट' स्कीम ऑफर कर सकते हैं। आप योजना की शुरुआत में यह तय कर सकते हैं कि आप हर महीने कितना सोना लेना चाहते हैं और उस पैसे को अलग रख सकते हैं। 

एक और बढ़िया विकल्प जो कुछ ज्वैलर्स पेश करते हैं, वह है 'अभी खरीदें बाद में भुगतान करें'। हालाँकि, यह केवल एक निश्चित मूल्य तक के आभूषणों के लिए उपलब्ध हो सकता है, इसलिए पहले से जाँच करें।

पुराने सोने के आभूषणों को एक्सचेंज/अपसाइकल करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

दुल्हन के रूप में, आप निस्संदेह पसंद और वरीयताओं के मामले में व्यक्तिवादी हैं, और यही बात आभूषणों पर भी लागू होती है। आप अपनी संस्कृति की परंपराओं और विरासत का सम्मान करते हैं। हमारी माँ और दादी द्वारा हमें दिए गए आभूषण हमारी स्टाइल के नहीं हो सकते हैं, लेकिन फिर भी हम इसे अपनी शादी का हिस्सा बनाना चाहते हैं। 

अगर आप अपने पुराने गहनों को अपग्रेड या 'अपसाइकल' करना चाहते हैं, तो आपको BIS से मान्यता प्राप्त जौहरी के पास जाना होगा। अपने सोने के आभूषणों को पहले हॉलमार्क करवाना हमेशा अच्छा होता है। कुछ जौहरी अपने स्टोर परिसर में ही इन सेवाओं की पेशकश करते हैं। लेकिन अपने आभूषणों का परीक्षण करवाने के लिए BIS-लाइसेंस प्राप्त AHC पर जाना बेहतर है, क्योंकि जौहरी सोने के गलत वजन और कैरेट का दावा करके आपके आभूषणों की कीमत कम बता सकता है। या हो सकता है कि उनके पास सोने की शुद्धता और उत्कृष्टता को परखने के लिए सही उपकरण न हों। 

सोने की शुद्धता के सबूत के बिना, आप इसे साबित नहीं कर सकते हैं। अपने सोने के आभूषणों को एक्सचेंज या अपसाइकल करते समय बिल का साथ होना हमेशा अच्छा रहता है। हालांकि, यदि आपके पास मूल रसीद नहीं है, तो हॉलमार्क आपके काम आएगा। जब आप आभूषणों को एक्सचेंज या अपसाइकल करना चाहते हैं, उससे एक सप्ताह पहले से सोने की कीमतों का आकलन करें। इस तरह, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जब सोने की दर अपने चरम पर हो तो आप ज्वैलरी स्टोर पर जाएँ और अपने एक्सचेंज से अधिकतम राशि प्राप्त करें। 

रत्नों से अलंकृत सोने के आभूषणों का पुनर्चक्रण करते समय, आप आमतौर पर कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं, अगर आप उसी जौहरी के पास जाते हैं जिससे आपने आभूषण खरीदा था। अगर आप अपने अपसाइकल या कस्टम-मेड ज्वैलरी पीस को हॉलमार्क करवाना चाहते हैं, तो किसी भी अन्य ज्वैलरी की तरह ही प्रक्रिया का पालन करें - अपने नजदीकी BIS-लाइसेंस प्राप्त जौहरी से मिलें और उनसे अनुरोध करें कि वे इसे सामान्य शुल्क पर आपकी ओर से निकटतम AHC पर हॉलमार्क करवाएं। 

कस्टम ज्वैलरी के लिए ध्यान रखने योग्य बातें

आभूषण को कस्टमाइज कराना इन दिनों ट्रेंड में है। अगर आपके पास कोई अनूठी स्टाइल है या आप आभूषण का ऐसा पीस चाहते हैं जो आपके लिए विशेष महत्व रखता है, तो कस्टम आभूषण आदर्श हैं। ध्यान रखें कि हर ज्वैलरी स्टोर में कस्टम ज्वैलरी डिजाइन करने और बनाने की विशेषज्ञता नहीं होती है। कस्टम ज्वैलरी एक ऐसी चीज है जो आपकी व्यक्तिगत शैली और व्यक्तित्व को दर्शाती है। 

यहाँ उन चीजों की सूची दी गई है, जिन पर कस्टम ज्वैलरी चुनते समय आपको विचार करना चाहिए:

  • डिज़ाइन: कस्टमाइज़ेशन के संबंध में आपके मन में जो डिज़ाइन है, उसे जौहरी को अच्छी तरह से समझ में आना चाहिए।
  • निर्माण: जौहरी से विस्तृत निर्माण गाइड देने के लिए कहें, ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि जौहरी हॉलमार्किंग की सुरक्षित प्रथाओं का पालन कर रहा है कि नहीं।
  • प्री-पॉलिशिंग: यह कस्टमाइज़ गोल्ड ज्वैलरी के निर्माण का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जहाँ सोने की शुद्धता का आसानी से आकलन किया जा सकता है।
  • सेटिंग: निर्माण प्रक्रिया में किसी भी दोष से बचने के लिए रत्नों या मोतियों को मजबूती से सेट किया जाना चाहिए। 
  • पॉलिश करना: यह कदम आभूषण की चमक उभारने में मदद करता है।
  • हॉलमार्किंग:  अपने हितों की रक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने सभी गैर-हॉलमार्क वाले आभूषणों को कस्टमाइज कराने से पहले हॉलमार्क करा लें। आपका BIS-लाइसेंस प्राप्त जौहरी थोड़े से शुल्क में ऐसा कर देगा। 

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपके द्वारा खरीदे जाने वाले सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क होना चाहिए, ताकि आप समय के साथ सोने के मूल्य में होने वाली सभी वृद्धि का लाभ उठा सकें। इसके अलावा, आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है कि हो सकता है कि आपको जितना खर्च करना चाहिए था, उससे अधिक खर्च किया है। तो, अपने बड़े दिन के लिए, जब आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण और संतोषजनक खरीदारी करते हैं, तो पूछना न भूलें:  #MarkKidharHai?