Published: 27 सितंबर 2017

भारत में स्वर्ण खरीदारी के शुभ 3.5 दिन

भारत में ब्रह्माण्ड के प्रत्येक तत्व को हमेशा से एक विशिष्ट धार्मिक स्थान प्रदान किया गया है. स्वर्ण को, इसके अत्यधिक आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व के कारण, सभी धातुओं में शुद्धतम माना जाता है. कहा जाता है कि यह अग्नि के तत्व के उत्पन्न ऊर्जा तरंगो से बना है, जो किसी व्यक्ति के आध्यात्मिक या शारीरिक रूप से समग्र विकास को अवरुद्ध करने वाली हर चीज को भस्म कर देता है.

स्वर्ण खरीदने के लिए हर दिन शुभ होता है, किन्तु साल के निम्नलिखित साढ़े तीन दिनों में से किसी दिन इसे खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.

  • गुडी पड़वा: यह शुक्ल पक्ष का प्रथम दिन होता है – हिन्दू पंचांग के चैत्र मास में चाँद की वृद्धि का चरण. यह प्रायः मार्च या अप्रैल में पड़ता है तथा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी भारत, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं कर्नाटक में नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है.
  • अक्षय तृतीया: इसे अख तीज या अखत्रिज भी कहा जाता है. यह हिन्दू पंचांग के वैशाख मास में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है. सामान्यतः, यह अप्रैल या मई में पड़ता है.
  • दशहरा: आश्विन मास में शुक्ल पक्ष का 10वाँ दिन, जो सितम्बर या अक्टूबर में पड़ता है. इसी दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध किया था. यह बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक है.
  • अर्द्ध-मुहूर्त: यह दीवाली के दिन का आधा, यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा है. गुजराती लोग इसे नव वर्ष के रूप में भी मनाते हैं.

चूंकि ये दिन हिन्दू पंचांग पर आधारित हैं, इसलिए हर साल इन्हें मनाने की तिथियाँ अलग-अलग होती हैं.

तो, स्वर्ण खरीदने के लिए ये दिन इतना शुभ क्यों होते हैं?

भारतीय खगोल शास्त्र (ज्योतिष शास्त्र) में कोई महत्वपूर्ण निर्णय करने के पहले नक्षत्रों एवं ग्रहों के स्थान का विचार किया जाता है. इन तीन एवं आधा (साढ़े तीन) दिनों के समय में ग्रहों का संरेखन अनुकूल होता है, और इनमें से किसी एक दिन मुहूर्त देखे बिना भी शुभ कार्य आरम्भ किया जा सकता है.

ऐसे दिन लोग नए घर में प्रवेश करने, विवाह करने, महत्वपूर्ण चीजें खरीदने या दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इन शुभ दिनों में कुछ भी करने या खरीदने से उसका लाभ कई गुणा बढ़ जाता है. इसलिए, अनेक लोग स्वर्ण खरीदना पसंद करते हैं, जो भारत में समृद्धि का प्रतीक है. अतः, अगर कोई इन साढ़े तीन दिनों में से किसी दिन घर में स्वर्ण लाता है, तो मान्यता के अनुसार, वह अपने जीवन में सकल समृद्धि लाता/लाती है.

ये 3.5 दिनों में स्वर्णिम दिनों के शुभागमन की आशा की जाती है.