Published: 20 फ़रवरी 2018

स्वर्ण के प्रति भारत का शाश्वत प्रेम

India's love and affection for gold

आधुनिक भारत को तीन चीजें जोड़तीं हैं : क्रिकेट, शाह रुख खान और स्वर्ण. चलिए, पहले दो गलत हो सकते हैं. लेकिन धातु के रूप में हो या आभूषण के रूप में, स्वर्ण खरीदने की परम्परा लिखित इतिहास से भी पुरानी है. वर्ग की भिन्नता के बावजूद भारतीय लोग स्वर्ण को पैसों से खरीदी जाने वाली सबसे कीमती चीजों में से एक के रूप में देखते हैं. आखिर स्वर्ण प्राप्त करने और रखने की यह उत्कट इच्छा कहाँ से पैदा होती है? इसका कोई सहज उत्तर नहीं है. कुछ अर्थशास्त्री इस बहुमूल्य धातु के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक सम्बन्ध को कारण मानते हैं. निःसंदेह, विवाह, विदाई के कतिपय आनुष्ठानिक समारोह और धनतेरस एवं अक्षय तृतीया जैसे हिन्दू त्यौहारों से स्वर्ण खरीदने और इसे किसी अन्य तरह के लेन-देन से अधिक महत्व देने की वैधता स्थापित होती है.

निवेशक इसकी पुनर्बिक्री मूल्य और कीमत बढ़ने पर भरोसा करते हैं. स्त्रियों की पढ़ाई में वृत्तिका से विवाहों में उपहार देने की रस्म (वधू को उसके मायका से स्वर्ण के उपहार) और आर्थिक एवं वित्तीय शक्ति तक स्त्रियों की पहुँच के बीच सम्बन्ध स्थापित होता है. ये सभी स्वर्ण के प्रति भारत की आसक्ति के बारे में चल रही दिलचस्प बातचीत के कुछ अंश हैं. वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत ने पूरी मजबूती के साथ विश्व में स्वर्ण की खपत में अपना द्वितीय स्थान बरकरार रखा है और भारतीय परिवारों के पास लगभग 23,000 टन स्वर्ण है. वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल का इंडिया गोल्ड मार्केट : इनोवेशन ऐंड इवोल्यूशन नामक रिपोर्ट में पूर्वानुमान किया गया है कि 2020 के आते-आते भारतीय लोगों द्वारा स्वर्ण की खरीदारी 850 का 950 टन के बीच पहुँच जायेगी.

विशेषज्ञों की मानें तो कुछ अल्पकालिक कठिनाइयों (जैसे कि विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर) के बावजूद 2017 आपकी खूबसूरत खानदानी बालियों की तरह चमकती रहेगी. उपभोक्ताओं के लिए जीएसटी से निःसंदेह गुणवत्ता और पारदर्शिता आयेगी. कोई आश्चर्य नहीं कि आपके पैसों का पूरा मूल्य मिलेगा. एक और सोच यह है कि विमुद्रीकरण से संभतः आपके संदेहों की पुष्टि हुयी है. बदलते आर्थिक जगत में स्वर्ण आपका सबसे बढ़िया सौदा है. वह कोई सामान्यीकरण नहीं है. वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल के 2016 के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में 73 प्रतिशत भारतीयों ने इस वक्तव्य की पुष्टि की है कि, ‘स्वर्ण से लम्बे समय के लिए सुरक्षा मिलती है.’ भारतीय लोगों ने अपने विचार दिए हैं, और उनकी बातें स्वर्ण जैसी ही महत्वपूर्ण हैं.