गोल्ड हॉलमार्किंग कैसे की जाती है?

क्या आप गोल्ड ज्वेलरी खरीदने की सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो आप अकेले ही नहीं हैं। भारतीय घरों में 22,000 टन से अधिक सोना पड़ा है। इसके अतिरिक्त, हर साल औसतन 600 टन सोना ज्वैलरी निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सोने की शुद्धता परखना कोई आसान काम नहीं है। आप शुद्ध सोने और सोने सी दिखने वाली पीली धातु में अंतर कैसे करेंगे? आप इस सबसे ज्यादा मूल्यवान खरीदी गई वस्तु की शुद्धता को कैसे सुनिश्चित करेंगे?

 

हॉलमार्किंग क्या होती है?

हॉलमार्किंग कीमती धातु सामग्रियों में कीमती धातु की आनुपातिक सामग्री का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड है।

गोल्ड प्योरिटी और कलर गाईड: 24 कैरेट, 22 कैरेट, और 18 कैरेट गोल्ड में क्या फर्क है

गोल्ड में मौजूद विविध कैरेट्स

कैरेट एक शब्द है जिसका उपयोग गोल्ड की प्योरिटी की गणना करने के लिये होता है। 24, 22 और 18 कैरेट गोल्ड में अन्तर समझने से पहले हमें यह देखना होगा कि कैरेट होता क्या है। कैरेट एक इकाई है जो गोल्ड की प्योरिटी की गणना करने के लिये इस्तेमाल की जाती है। जितने ज़्यादा कैरेट होते हैं, उतना ही गोल्ड प्योर होता है। यह एक सरल गाईड है जो आपको 24, 22 और 18 कैरेट गोल्ड के बीच के अन्तर को समझाएगी।

24 कैरेट गोल्ड

अपनी बेटी के जन्मदिन पर गोल्ड गिफ्ट करना कमाल का आईडिया क्यों है?

जन्मदिन के गिफ्ट काफी सोच समझकर दिये जाने चाहिये और कुछ ऎसे होने चाहिये जैसे गोल्ड जो कि गुड लक भी देता है और उसकी वैल्यू भी बढती रहती है। अब यही काम नए जूते तो नही कर सकते, है ना? वैसे कपडे और गजेट्स की शॉपिंग करना भी जरुरी होता है लेकिन हम आपको बताएंगे कि आपकी लाडली बेटी के लिये गोल्ड गिफ्ट करने का आईडिया सबसे बेहतर क्यों है।

गोल्ड हमेशा ही बेहतरीन इन्वेस्टमेन्ट होता है और यह सबसे अच्छा तरीका है बढती महंगाई और करंसी के डिवैल्यूएशन से लडने का। गोल्ड गिफ्ट करने से आप केवल बढती कीमतों से ही नही लडते लेकिन आप अपनी बेटी को गोल्ड में इन्वेस्टमेन्ट के महत्व को भी दर्शाते हैं।

एस आई पी (SIPs) और गोल्ड ईटीएफ (ETF) बेहतरीन दीर्घावधि इन्वेस्टमेन्ट्स क्यों हैं?

पारंपरिक रुप से देखा जाए तो हम सब, गोल्ड कॉईन, गोल्ड बार, ज्वेलरी आदि के रुप में गोल्ड में इन्वेस्ट करते ही हैं वैसे देखें तो पारंपरिक रुप से गोल्ड ख़रीदने वाले ग्राहक को भी आज एक्स्चेन्ज ट्रेडेड फन्ड (ईटीएफ) संबंधी जानकारी चाहिये होती है क्योंकि एक इन्वेस्टमेन्ट ऑप्शन के रुप में यह गोल्ड को स्टोर करने की लागत बचाता है, इसमें इलेक्ट्रॉनिक रुप से ख़रीदी और बिक्री हो जाती है और लम्बे समय के इन्वेस्टमेन्ट के लिये यह पारदर्शी और सुरक्षित तरीक़ा होता है।

गोल्ड ज्वेलरी साफ़ करने के लिए 8 उपयोगी टिप्स

हो सकता है की आपकी त्वचा कुछ धातुओं से प्रतिकूल प्रतिक्रिया करती हो, लेकिन सोना एक ऐसी शानदार अक्रिय धातु है, जिसपर सबसे ज्यादा संवेदनशील त्वचाएं भी प्रतिक्रिया नहीं करि हैं I हालांकि, ज्वैलरी बनाते समय इसमें सीसा या चांदी को मिक्षित किया जाता है, और ये धातुएं सोने की तरह गैर-प्रतिक्रियाशील नहीं होती I इससे समय के साथ आभूषणों की चमक कम हो सकती है I इसके अलावा, नियमितरूप से पहनी जाने वाली ज्वैलरी, पसीने, साबुन के रसायनों इत्यादि से सम्पर्क में आने के कारण गंदी हो सकती हैं I

 

कमोडिटीज़ मार्केट

यह वह मार्केट होता है जहां पर इन्वेस्टर्स मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट के स्थान पर प्रायमरी प्रोडक्ट्स में ट्रेड करते हैं। कृषि संबंधी प्रोडक्ट जैसे गेहूं, कॉफी, कोको और शक्कर को सॉफ्ट कमोडिटी कहा जाता है जबकि खदान संबंधी कमोडिटी जैसे गोल्ड और तेल को हार्ड कमोडिटीज़ कहा जाता है। भारत में एम सी एक्स, लंदन में कॉमेक्स, यू एस में नायमेक्स सबसे जाने-माने कमोडिटी एक्स्चैन्जेस हैं।

गोल्ड मोनेटाईज़ेशन स्कीम

मई 19, 2015 को भारत सरकार ने यह घोषणा की थी कि वे जल्द ही गोल्ड मोनेटाईज़ेशन स्कीम शुरु करेंगे। इस स्कीम के अनुसार प्रत्येक भारतीय इन्वेस्टर को कम से कम तीस ग्राम गोल्ड को बैंक में रखकर उसपर इन्ट्रेस्ट प्राप्त करने की अनुमति दी जायेगी।

गोल्ड फ्यूचर्स

गोल्ड फ्यूचर्स वह चीज़ है जिसे एम सी एक्स पर ट्रेड किया जाता है। गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए इन गोल्ड फ्यूचर्स को खरीदा जा सकता है। ये फ्यूचर्स कॉन्ट्रेक्ट गोल्ड की प्राईज़ेस पर नज़र रखते हैं। इसके अलावा इन्वेस्टर्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स को पहले से तय की गई क्लोज़िंग डेट पर ख़त्म कर दें।

लिक्विडिटी

किसी भी दूसरे इन्वेस्टमेन्ट के मुक़ाबले गोल्ड की जल्दी से लिक्विड (तरल या नकदीकरण) हो जाने की क्षमता को लिक्विडिटी कहा जाता है। गोल्ड भारत में मुख्य रुप से सबसे जल्दी लिक्विड हो जाने वाला इन्वेस्टमेंट है।
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