Published: 10 अगस्त 2017

संपूर्ण भारत में पहने जाने वाले स्वर्ण के आभूषण

Indian Gold jewellery

भारत में विविधता और सांस्कृतिक विरासत तथा परंपराओं में अनेकता की स्थिति है, यहां पर अक्सर अलग प्रकार का पहनावा और आभूषण पहने हुए विविध राज्यो के निवासियों को दिखाया जाता है। पारंपरिक वस्त्रों को धार्मिक, सांस्कृति और सामाजिक समारोगों में पहना चाता है और इन सभी में अत्यंत विविधता के साथ स्वर्ण के आभूषणों को उपयोग में लाया जाता है। यहां पर हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से कुछ अलग प्रकार के आभूषणों के चित्र दिये गए हैं जिन्हे हमारे देश की विविध सीमाओं और सांस्कृतिक प्रकारों में पहना जाता है।

 
  1. असम

    यह राज्य जो अपने चाय के बागानों, उत्सव, गीत और नृत्य के लिये प्रसिद्ध है, असम में स्वर्ण आभूषणों की एक मनमोहक परंपरा रही है। असमी आभूषणों में वहां की प्रकृति, प्राणी और वन्य जीवन के अलावा सांगीतिक वाद्यों से भी प्रेरणा ग्रहण की जाती है। गमखारु एक प्रकार की चूडियां होती हैं जिनपर स्वर्ण का पॉलिश होता है और खूबसूरत फूलों के डिजाईन होते हैं। मोताबिरी एक ड्रम के आकार का नेकलेस होता है जिसे पहले पुरुषों द्वारा पहना जाता था लेकिन अब इसे स्त्रियां भी पहनती है।

  2. उत्तर प्रदेश

    पासा (मांग टीका), एक सिर पर पहना जाने वाला आभूषण होता है जिसे उत्तर प्रदेश में पहना जाता है, विवाह के समय यह आभूषण होना आवश्यक होता है। यह विविध प्रकार से बनाया जाता है। मांग टीगा सरल लटकन से लेकर झूमर के प्रकार में भी अलग अलग लहरों में भी बनाया जाता है। यह एक दुल्हन के लिये होना आवश्यक होता है और इसे इस प्रकार से बनाया जाता है कि यह छ: चक्रों को नियंत्रण में रख सके व इसका स्थान हमारे तृतीय नेत्र या आत्मिक शक्ति स्थल पर रखा जाता है जैसा कि हिन्दू धर्म विचार में मान्यता होती है। कुछ दुल्हनें इसे उनके ललाट के मध्य में रखती हैं जिसका अर्थ होता है कि वे अपने एकाग्रता के बल पर अपनी संवेदनाओं पर नियंत्रण रखने में सक्षम हैं।

    इसके पारंपरिक महत्व के कारण, मांग टीका अब केवल भारत ही नही, संपूर्ण विश्व में पहना जाता है।

  3. बिहार

    बिहार को यहां की भागलपुरी सिल्क साडियों के लिये जाना जाता है, बिहार की पारंपरिक आभूषणों की परंपरा भी बेहतरीन है। यहां पर हंसुली जिसे स्वर्ण या स्वर्ण की परत के साथ बनाया जाता है जो गले पर एक लपेटे हुए मोटे हार के जैसा दिखाई देता है। डोकरा आदिवासी हंसुली के बेहतर डिजाईन को बनाने के लिये जाने जाते हैम। इसके साथ ही कमरबंद जिसे कमर के आस पास पहना जाता है, इसमें चेन और घन्टियों से बेहतर डिजाईन बनाए जाते हैं।

    Traditional Gold Jewellery From Bihar 1

  4. जम्मू और कश्मीर

    जम्मू और कश्मीर की जादुई धरती पर भी पारंपरिक आभुषण वहां के पहले से मुखर सौन्दर्य के लिये खास बने होते हैं। देजोर एक पारंपरिक कान में पहना जाने वाला आभूषण होता है जो दुल्हन द्वारा अपने विवाह के समय पहना जाता है। यह दुल्हन के आभूषण का प्रकार सोने के ईयर रिंग्स के समान होता है और इसमें पतले सोने के धागे होते हैं जो पूरे कान पर फैले होते हैं।

  5. तमिल नाडु

    तमिल नाडु की कांचीपुरम सिल्क की साडियों के साथ यहां की पारंपरिक मंदिर के आभूषणों की शोभा देखते ही बनती है। इसमें यह ध्यान रखा जाता है कि इस प्रकार के आभूषण मंदिरों में देवी देवताओं को चढ़ाए जाते हैं। ओट्टियनम एक स्वर्ण का कमरबन्द होता है जिसमें सामान्य रुप से देवी लक्ष्मी को अंकित किया जाता है। पुल्लकु एक नाजुक सोने की नथ होती है जो केन्द्रीय स्वरुप में पहनी जाती है।

    Gold Ornaments From Tamil Nadu

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