Published: 20 फ़रवरी 2018

परखना – स्वर्ण की शुद्धता जांचने का विज्ञान

Gold assay - test gold's purity the right way

आपको कैसे पता चलता है कि स्वर्ण शुद्ध है? आप जौहरी हों या धातु साफ़ करने वाले, स्वर्ण को जांचने के लिए “परखना” आवश्यक होता है. यह एक मूल्यांकन है जिसके द्वारा स्वर्ण या किसी अन्य धात्विक वस्तु की शुद्धता का विश्लेषण किया जाता है. आभूषण से लेकर ठोस स्वर्ण की छड़ों तक, उनका मूल्य और शुद्धता निर्धारित करने के लिए कसौटी पर उनकी जांच की जाती है. धातु की परख के अनेक तरीके हैं. उनमें से कुछ की चर्चा नीचे की जा रही है.

  1. पत्थर से परखना (हाथ से जांच करना)

    प्राचीन काल से प्रयुक्त, यह स्वर्ण की शुद्धता जानने का सबसे आसान तरीका है. पत्थर की कसौटी कठोर, श्याम वर्ण का (पारस पत्थर) होता है, जिसकी सतह दानेदार होती है. जौहरी इस पर धातु को घिसता है जिससे एक साफ़ लकीर बन जाती है. इस लकीर के रंग से स्वर्ण की शुद्धता का पता चलता है.

  2. एक्स-रे फ्लुओरेसेंस (एक्सआरएफ)

    यह पत्थर से परखने की तुलना में बहुत ज्यादा जटिल परख होती है. यह धातु को कोई क्षति पहुंचाए बगैर त्वरित रूप से सही-सही शुद्धता की जांच करता है. इसमें, धातु को एक्स-रे प्रक्षालित किया जाता है, जिसके बाद धातु से स्पष्ट स्वर्ण की आणविक संरचना के ऊर्जा स्तर पर चमकदार रोशनी निकलती है. एक्सआरएफ मशीन शुद्धता और अशुद्धता का अनुपात पता करने के लिए ऊर्जा स्तर की माप करती है.

  3. आग से परखना

    आग से परखना हालांकि जटिल होता है, फिर भी इसे स्वर्ण की शुद्धता जांचने का सबसे भरोसेमंद और सटीक तरीका माना जाता है. किन्तु, इसके विनाशक गुण के कारण इसका इस्तेमाल अक्सर स्वर्ण की भारी मात्रा के लिए किया जाता है. इस पद्धति में धातु को 1650 डिग्री फारेनहाईट (स्वर्ण के पिघलने का तापमान) पर एक साथ लेड ऑक्साइड और फ्लक्सेस (जैसे कि सिलिका और बोरेक्स) के मिश्रण में मिला दिया जाता है. मिश्रण में मौजूद लेड (सीसा) सैंपल में स्वर्ण से चिपक जाता है. इसके बाद मिश्रण को एक सांचे में डाल दिया जाता है और ठंढा होने के लिए छोड़ दिया जाता है. अपने घनत्व के कारण लेड सांचे की पेंदी में बैठ जाता है. इसके बाद इस लेड को एक छोटे बोन ऐश कंटेनर, कपेल में दोबारा गर्म किया जाता है. कपेल लेड को सोख लेता है और बहुमूल्य धातु, यानी स्वर्ण बच जाता है.

  4. आर्द्र परख

    इस विधि में अयस्क को चूर्ण करके थोड़ा एसिड या एसिड के घोल में घुला दिया जाता है. तब परखने वाला घोल का रासायनिक विश्लेषण करता है. सम्बंधित धातु के आधार पर परखने वाला इसे अलग करने के लिए इलेक्ट्रोलाइसिस या लवण का प्रयोग करता है.

    स्वर्ण की शुद्धता कैरट द्वारा निर्धारित होती है. 24 कैरट का स्वर्ण सबसे शुद्ध होता है. स्वर्ण की मात्रा का अनुपात 4.167 (प्रति कैरट अनुपात) के साथ गुणा करके तय किया जाता है. इस तरह, उदाहरण के लिए 18 कैरट स्वर्ण में 75 प्रतिशत (18 x 4.167) स्वर्ण होता है.

स्वर्ण की जांच अक्सर एक्सआरएफ और आग से परख कर की जाती है. वे सटीक होते हैं और ग्राहकों को त्वरित एवं सही-सही भुगतान करने में जौहरियों को आसानी होती है.