Published: 29 अक्टूबर 2018

आने वाले दशकों में सोने का बाजार क्या रूप लेने वाला है?

What will be the forecast of gold market in the coming future?

क्या तकनीक सोना खरीदने के आपके तरीके को बदल देगी? क्या यह एक बहुमूल्य संपत्ति बना रहेगा? क्या अपने बच्चे के भविष्य के लिए आपको सोने में निवेश करना चाहिए?

अगर आप अगले 30 वर्षों में सोने के बाजार में आने वाले बदलावों को लेकर जिज्ञासु हैं, तो जानिए कि इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

सोना बाजार के आने वाले रूप को लेकर -– जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण सोने की खुदाई में आने वाले बदलावों को देखते हुए –- दुनिया भर के सोना बाजार के नेताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं।

आर्थिक विकास से सोने की मांग बढ़ेगी

आने वाले वर्षों में विश्व में सबसे तेजी से बढ्ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की अपनी क्षमता को देखते हुए, भारत अपनी आर्थिक शक्ति में एक विराट उछाल देखने की दहलीज पर खड़ा है।

मध्य-वर्गीय परिवारों के प्रसार और काम करने योग्य उम्र वाली आबादी में बढ़ोतरी को देखते हुए, खर्च करने योग्य आय दिनोदिन बढ़ती रहेगी और इसके साथ सोने की मांग में भी वर्ष-दर-वर्ष बढ़ोतरी होने की अपेक्षा है।

इस बहुमूल्य धातु के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक जुड़ाव के कारण भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण उपभोक्ता बना हुआ है। भारतीय मध्य-वर्ग एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरेगा और आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास में सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा।

सोने के उत्खनन और उत्पादन का स्वरूप बदल जाएगा

पिछले 30 वर्षों में सोने का उत्पादन लगभग दुगना हो गया है। फिर भी, इस सदी की शुरुआत से सोने की खोज की दर घटने लगी है, हालांकि इसकी खोज से जुड़ी गतिविधियों का बजट लगातार बढ़ता रहा है।

निकट भविष्य में स्वर्ण उत्खनन के स्वरूप में एक बड़ा बदलाव दिखाई देगा, जिसके पीछे मूल कारण टेक्नालजी के क्षेत्र में हुए नए विकास होंगे। इनमें स्वचालित यंत्र, बेहतर गणना-शक्ति और अधिक संपर्क-क्षमता शामिल होंगे, जो आने वाले तीस वर्षों में सोने की खुदाई का स्वरूप बदल देंगे।

खुले मुंह वाली खदान की जगह भूमिगत खुदाई होगी और स्वचालन और सौर्य-ऊर्जा के प्रयोग के कारण न सिर्फ उत्खनन ज्यादा सुरक्षित और सतत ढंग से किया जा सकेगा, बल्कि उत्पादन तकनीकों में भी बदलाव आएगा।

स्वर्ण निवेश तकनीक-संचालित होंगे

यह कहने की जरूरत नहीं है कि तकनीक में हुए चमत्कारिक विकास हर क्षेत्र की कार्य-शैली का कायाकल्प कर रहे हैं, और सोना बाजार भी कोई अपवाद नहीं है। अब डिजिटल सोने और स्वर्ण ईटीएफ़ (एक्स्चेंज ट्रेडेड फ़ंड) में निवेश या व्यापार करना संभव हो गया है। ऐसी मोबाइल ऐप्स आ गई हैं जिनके जरिए भारत में सोने में निवेश किया जा सकता है या इसे खरीदा, बेचा या उपहार में दिया जा सकता है।

नियामकों से जुड़े बदलाव लोगों को दुकानों पर खरीददारी की बजाय अधिक पारदर्शी विनिमय-केन्द्रों की तरफ ले जा रहे हैं। मोबाइल ऐप्स के जरिए सोने में आसानी से निवेश या व्यापार करना युवा पीढ़ियों को भी खूब लुभाएगा, जिससे निवेशकों और सोना उपभोक्ताओं का ग्राहक-आधार बढ़ेगा।

क्योंकि किसी आर्थिक गिरावट या आर्थिक संकट के दौर में सोना सबसे सुरक्षित विकल्प होता है, इसलिए स्थिरता और आर्थिक विकास की दृष्टि से सोने में निवेश बढ़ता रहेगा।

भारतीय आभूषण इसी तरह चमकते-दमकते रहेंगे।

सोने के आभूषणों से भारतियों के लगाव को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। सदियों से भारतीय परिवारों के लिए सोने के आभूषण सबसे प्रिय वस्तु रहे हैं। फिर भी, पुरानी पीढ़ियों की तुलना में आज के युवा परिवार अपनी खरीददारी को ज्यादा विश्वसनीय और भरोसेमंद बनाना पसंद करते हैं। इसलिए, इन उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए अब ज़्यादा-से-ज्यादा जोहरी सिर्फ हॉलमार्क वाले स्वर्ण आभूषण बेचने लगे है। आने वाले वर्षों में ऐसे जोहरियों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी।

ग्रामीण भारत की आय और क्रय-शक्ति बढ्ने के साथ-साथ भारतीय स्वर्ण आभूषणों की मांग में भी महत्वपूर्ण वृद्धि होने की संभावना है। इसके साथ ही भारतीय स्वर्ण आभूषण बाजार भी ज्यादा सुगठित और व्यवस्थित हो जाएगा। सोने की रीसाइकलिंग के क्षेत्र में भी प्रचुर संभावनाएं हैं –- मौजूदा सोने की लगभग 25,000 टन मात्रा।

आने वाले दशकों में सोना हमेशा मान्य, मूल्यवान और प्रतिष्ठित रहेगा, जैसेकि यह हजारों वर्षों से हमारी दुनिता का एक अभिन्न अंग बना रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्वर्ण निवेश के उत्पाद कहीं ज्यादा दिखाई देने लगेंगे, परंतु सांस्कृतिक अवसरों पर स्वर्ण आभूषणों का महत्व बना रहेगा।

समय के साथ सोना खरीदने, इसमें निवेश करने, और इसे पहनने के तौर-तरीके भले ही बदल जाएँ, पर सोना हर भारतीय घर में इसी तरह चमकता-दमकता रहेगा।

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