Published: 18 मई 2018

बाइबल के स्वर्णिम क्षण

Gold in Bible

क्या आप जानते थे कि बाइबल में सोने का 400 से ज़्यादा बार उल्लेख हुआ है?
बाइबल में सोने की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है और अपने मूल्य, शुद्धता और लचीलेपन के लिए इसे एक उच्च स्थान दिया जाता है। आइए देखते हैं उनमें से कुछ के उदाहरण।

अवसरों पर सोना

बाइबल में ही कुछ मुख्य कथाओं में सोने का प्रमुख उल्लेख है। जैसे कि, एक्सोडस में मूसा की कथा है जिसे माउंट सिनाई पर, इज़राइलियों की ओर तलहटी पर, ख़ुद प्रभु से 10 आदेश मिल रहे थे। उन्होंने अपने स्वर्ण कुंडलों से एक सोने के बछड़े की मूर्ति बनायी और उसकी पूजा शुरु कर दी।

एक्सोडस में टेबर्नेकल के निर्माण में सोने के बुनियादी सामग्री होने का वर्णन भरा है। प्रभु ने मूसा को टेबर्नेकल (निवास-स्थान) के निर्माण के लिए नक़्शा दिया, जिसका इज़राइलियों ने पूरी निष्ठा के साथ पालन किया1। कथा के अनुसार, सोने का प्रयोग ओवरले के लिए प्लेट, शीट और राजपुरोहित द्वारा पहने जाने वाले वस्त्रों में धागे के लिए भी होता था।

कनान की विजय में जेरिको का युद्ध इज़राइलियों का पहला युद्ध था। मूसा के सहायक व उत्तराधिकारी जोशुआ के अनुसार, प्रभु ने आदेश दिया कि जेरिको नगर से ज़ब्त किया गया सोना अभयारण्य में प्रयोग किया जाए।

तीन सौ सालों के बाद, इज़राइल व जूडा के संयुक्त क्षेत्रों के राजा, सोलोमन ने सोने से एक पवित्र मंदिर का निर्माण किया जो कि मूसा के टेबर्नेकल से भी बेहतर था। मंदिर के लैम्प-स्टंड, बर्तन, काँटे, कटोरे, घड़े, बेसिन, कप आदि, सब कुछ सोने से बने थे। भीतरी समाधि – पवित्रताओं का पवित्र – और पवित्र आर्क, जिनमें दस आदेशों के मूल पट्टे रखे थे, वे भी सोने से ढके गये थे। आज के दर के अनुसार, सोलोमन के मंदिर में सोने का मूल्य करीब 50 अरब अमेरिकी डॉलर होगा।

नीतिकथाओं में सोना

कई उदाहरणों में, सोने को एक रूपक के तौर पर भी प्रयुक्त किया जाता है ताकि उसके अनुयायियों में उस विश्वास की विचारधाराएँ उत्पन्न हों। जैसे, सोने के थैलों वाली नीतिकथा में, एक व्यक्ति ने अपनी सम्पत्ति तीन सेवकों के हाथ सौंपकर उनसे उसमें वृद्धि करने को कहा जब तक कि वह बाहर से आ नहीं जाता। मालिक ने उन दो सेवकों को पुरस्कृत किया जिन्होंने अपने हिस्से की दौलत से कमाई कर ली थी लेकिन जिस सेवक ने कुछ भी नहीं किया, मालिक उससे नाराज़ था। कहानी से कार्यवाहिता के संदर्भ में यही शिक्षा मिलती है कि प्रभु ने हम पर विश्वास करके यदि कोई मौका दिया है तो उसका लाभ कैसे उठाएँ। यह कहानी सिखाती है कि अपनी रुचियों, कौशल, और काबलियत को औरों के लाभ के लिए प्रवाहित करना चाहिए, न कि सब कुछ सिर्फ स्वयं के लिए रखना चाहिए।

शुरु से अंत तक

सोने के संदर्भ में उल्लेख पूरी बाइबल में है, द जेनेसिस से शुरु करके नये टेस्टामेंट में एक ऐपोकैलिप्टिक दस्तावेज, द रेवेलेशन तक।

द जेनेसिस, में, जो कि उत्पत्ति के बारे में है, यह स्पष्ट है कि आदम और हव्वा के पास सोना बहुतायत में उपलब्ध था। पुराने टेस्टामेंट की यह पुस्तक सोने को पवित्रता के साथ जोड़ती है क्योंकि यह भी प्रभु की ही सृष्टि है।

द रेवेलेशन में, जो कि पुनरुत्पत्ति के बारे में है, यह स्पष्ट है कि सोने के प्रयोग से एक नगर – न्यू यरूशलेम – बनाया गया है जहाँ प्रभु अंतत: अपने अनुयायियों के साथ रहेंगे।

द फर्स्ट कोरिंथियंस, अपॉसल पॉल के पत्रों में से एक में स्पष्ट है कि सोने की पवित्रता आग का भी सामना कर सकती है।

ईसाई सिद्धांतों में, सोने का प्रयोग अक्ल, विश्वास व ज्ञान पर ज़ोर देने के लिए किया जाता हैv। विश्व के नागरिकों के जीवन में, सोना अन्य किस प्रकार की भूमिकाएँनिभाता है, जानने के लिए आगे पढ़ें, सोने का आपके धर्म में क्या महत्तव है?

Sources:
Source1