Published: 02 अगस्त 2017

इस धन तेरस पर गोल्ड पर्चेस के ऑप्शन्स

Dhanteras Best Gold Buying Deals
वैसे देखा जाए, तो कोई कभी भी, किसी भी रुप में गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकता है, लेकिन भारत में फिजिकल गोल्ड खरीदने से संबंधित सबसे बडा उत्सव होता है, धन तेरस। इस मौके पर खरीदे गए गोल्ड को पवित्र माना जाता है और इसके कारण निरंतर समृद्धि पूरे वर्ष रहेगी यह मान्यता होती है। इस दौरान गोल्ड की सबसे ज्यादा डिमांड ज्वेलरी या गोल्ड कॉईन के रुप में होती है जिनपर हिन्दू देवी देवताओं के चित्र होते हैं, इन्हे कई बार गिफ्ट के लिये भी बडी मात्रा में खरीदा जाता है।

क्या धन तेरस पर गोल्ड खरीदना किसी के इन्वेस्टमेन्ट गोल्स में शामिल होना चाहिये?
आप भले ही जीवन के किसी भी मोड पर हो, आपके लिये गोल्ड में इन्वेस्टमेन्ट हमेशा ही बेहतर होता है।
गोल्ड को पारंपरिक रुप से एक इन्वेस्टमेन्ट ऑप्शन ही माना गया है क्योंकि इसमें महंगाई और करेंसी डेप्रिसियेशन से बचाव की विशेषता होती है। दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो गोल्ड की स्टोर वैल्यू बेहतर होती है।

यदि कोई बडी रकम एक बार में खर्च नही कर सकता हो, तब भी क्या वह गोल्ड खरीद सकता है?
गोल्ड में इन्वेस्ट करने की खासियत यह है कि यह सभी के बजट के अनुरुप है। सिंपल रिंग्स, ईयर रिंग्स, ईयर स्टड्स आपको काफी कम दामों पर मिल सकते हैं साथ ही काफी भारी नेकलेस भी मिल सकते हैं, संक्षेप में आप रु 3000 तक की रकम में भी गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकते हैं। यदि यह भी ज्यादा है, तब आप किसी स्कीम का फायदा ले सकते हैं और आप हर माह रु. 1000 जमा कर गोल्ड मंथली पेमेन्ट स्कीम में पैसा लगा सकते हैं।

आपके लिये कुछ बेहतरीन ऑप्शन्स:

गोल्ड एक्युमलेशन प्लान (जीएपी):
गोल्ड एक्युमलेशन प्लान जैसी स्कीम्स वाकई फायदे वाली होती है। यह प्लान आपको नियमित मंथली इन्स्टॉलमेन्ट्स के जरिये गोल्ड में इन्वेस्ट करने की सुविधा देता है। इससे रिटेल कस्टमर्स को एक विशेष समयावधि में फिजिकल गोल्ड जमा करने में मदद मिलती है और वे कम से कम मंथली सब्स्क्रिप्शन में यह कर सकते हैं। इसकी अवधि एक साल से पन्द्रह साल तक हो सकती है और आप कॉईन या ज्वेलरी के रुप में इसे रिडीम करने का ऑप्शन पा सकते हैं।

ज्वेलरी एसआईपी
दूसरा ऑप्शन ज्वेलरी एसआईपी का है जिसे अनेक ज्वेलर्स या इन्वेस्टमेन्ट सर्विस कंपनियां भी देती हैं। इस स्कीम में आप सही तरीके से ज्वेलरी में इन्वेस्ट कर सकते हैं। हर महीने आपको एक विशेष रकम जमा करनी होती है जो कि रु 1000 तक कम भी हो सकती है और इसे आपको एक साल तक चलाना होता है।

गोल्ड ईटीएफ:
इन स्कीम्स के अलावा आपको कम से कम फिक्स्ड मंथली आउटले पर फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिये एक्स्चेन्ज ट्रेडेड फन्ड्स या ईटीएफ का भी ऑप्शन मिलता है जिसमें आपको फिजिकल गोल्ड की बैकिंग का विश्वास मिल सकता है। आज, ईटीएफ गोल्ड बुलियन मार्केट में भाग लेने का एक बेहतरीन जरिया है। ईटीएफ बिल्कुल म्युच्युल फन्ड्स के समान होते हैं जिनमें असेट्स में शेयर्स के स्थान पर गोल्ड होता है। प्रत्येक युनिट का अर्थ एक ग्राम गोल्ड होता है। इनकी खरीद बिक्री में भी बडी आसानी होती है। आपको सिर्फ इतना ही करना है कि अपनी ट्रेडिंग साईट पर लॉग इन करना है या खरीदी या बिक्री के लिये अपने ब्रोकर को फोन करना है।

दिवाली के दौरान फिजिकल गोल्ड खरीदते समय क्या ध्यान रखना चाहिये?
दो मुख्य बातें जिनका ध्यान रखना चाहिये वे हैं प्योरिटी और सर्टिफिकेशन। प्योरिटी को कैरेटेज में नापा जाता है और जितने अधिक कैरेट होते है, उतना ही सोना शुद्ध होता है। गोल्ड ज्वेलरी भारत में मुख्य रुप से 22 कैरेट की बेची जाती है जिसका अर्थ है कि उसमें 91.6% या, 91.6% शुद्धता होती है और केवल 8.4% बाकी धातु होते हैं। उसी प्रकार से 18 कैरेट गोल्ड में 75% प्योरिटी होती है।

ब्यूरो ऑफ इन्डियन स्टैन्डर्ड्स (बीआईएस) भारत में केवल एकमात्र अधिकृत स्थान है जो गोल्ड की प्योरिटी को बीआईएस हॉलमार्किंग सिस्टम के अन्तर्गत सर्टिफाय कर सकता है। इसके अन्तर्गत एक सर्टिफिकेशन दिया जाता है जिसमें 916 का अर्थ होता है 91.6% प्योरिटी या 22 कैरेट गोल्ड और 750 का सर्टिफिकेशन, इसका अर्थ होता है 75% प्योरिटी या 18 कैरेट गोल्ड, और यही कारण है कि इसी ज्वेलरी को खरीदने पर जोर दिया जाता है जो हॉलमार्क की गई हो।