Published: 20 फ़रवरी 2018

स्वर्ण को बीमा सुरक्षा के रूप में क्यों देखा जाता है?

Why gold is seen as insurance?

भारत में ख़ास कर यह सच है कि अनेक भारतीय स्वर्ण में निवेश करते हैं, जो कुछ हद तक परम्परा का हिस्सा है; और दूसरे कि इसे एक सुदृढ़ वित्तीय साधन माना जाता है. दरअसल, दुनिया भर में उत्खनित कुल स्वर्ण का 700 टन या लगभग 33% की खपत भारत में होती है. इस तरह यह स्वर्ण का सबसे बड़ा आयातक देश है.

तो फिर भारत के लोग इसे बीमा सुरक्षा के रूप में क्यों देखते हैं? क्योंकि यह है.

बीमा सुरक्षा – जीवन, स्वास्थ्य, वाहन, आदि जैसी कोई भी – इस बुनियादी विश्वास पर खरीदी जाती है कि दुर्घटना, बीमारी, अप्रत्याशित मृत्यु, आदि जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में इससे जोखिम में कमी आयेगी. इसी प्रकार, स्वर्ण को भी इसी रूप में देखा जाता है – जोखिम कम करने वाला.

सम्पूर्ण वित्तीय नियोजन के नजरिये से, स्वर्ण को निवेश का हिस्सा बनाने में समझदारी है. आखिरकार, अपने निवेश वर्ग में विविधता हमेशा सुरक्षित होता है. स्वर्ण जैसे मूल्यवान धातु स्टॉक, बांड, और विभिन्न अन्य निवेशों की पोर्टफोलियो का पूरक हो सकता है. अगर आपका कोई एक निवेश पिछड़ता है, तो कोई दूसरा ऊपर चढ़ सकता है और आपकी संपत्ति में बड़ी गिरावट से सुरक्षा प्रदान कर सकता है.

स्वर्ण बाज़ार की चंचलता और उतार-चढ़ाव के समय भी निवेशों की रक्षा करता है. परम्परागत तौर पर, स्वर्ण खराब आर्थिक माहौल में भी अपना मूल्य स्थिर रखने में सक्षम है. इक्विटी के चक्रीय गुण को देखते हुए, बाज़ार के गिरने की आशंका के बीच अगर आपके पास भौतिक रूप में स्वर्ण है तो आप फायदे में रहेंगे.

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआइ) की कारवाईयों के बदौलत मुद्रास्फीति पर अंकुश लगा है, किन्तु स्वर्ण (फिर भी) भोजन जैसी वास्तविक आवश्यकताओं, जहां कीमतें बढ़ती रहतीं हैं के विपरीत अपना वास्तविक मूल्य बनाए रहता है. मुद्रास्फीति के समय आपके बचत में डॉलर से बहुत कम वस्तुएं और सेवाएं खरीदी जा सकतीं हैं, किन्तु स्वर्ण अपना मूल्य कायम रखता है.

स्वर्ण का व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है. जब डॉलर कमजोर होता है, तब स्वर्ण की कीमत बढ़ जाती है. आप विश्व के किसी भी हिस्से में हों, स्वर्ण को अमेरीकी डॉलर में इसके मूल्य के आधार पर स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित कर सकते हैं. आप मानेंगे न कि यह बड़े काम की चीज है.